तिहाड़ जेल के अधिकारी दीपक शर्मा का विवाद: निजी पार्टी में पिस्तौल लहराते हुए वीडियो वायरल
दिल्ली के तिहाड़ जेल के सहायक अधीक्षक दीपक शर्मा एक ताजा विवाद में फंस गए हैं, जब उनका एक वीडियो वायरल हो गया जिसमें वह एक निजी जन्मदिन की पार्टी में पिस्तौल लहराते नजर आ रहे हैं। यह घटना घोंडा क्षेत्र में हुई, जहां शर्मा ने बॉलीवुड गीत "खलनायक हूँ मैं" पर डांस करते हुए पिस्तौल का प्रदर्शन किया। पार्टी में हवा में कई राउंड फायरिंग होने के भी आरोप हैं। शर्मा, जो पहले सुकेश चंद्रशेखर के बैरक पर छापेमारी के लिए चर्चा में थे, अब अपने इस गैर-जिम्मेदार कृत्य के कारण आलोचना का सामना कर रहे हैं।

नई दिल्ली। दिल्ली के तिहाड़ जेल में सहायक अधीक्षक दीपक शर्मा एक विवाद के केंद्र में आ गए हैं, जब उनका एक वीडियो वायरल हो गया जिसमें वह एक निजी जन्मदिन की पार्टी में पिस्तौल लहराते नजर आ रहे हैं। यह घटना राष्ट्रीय राजधानी के घोंडा क्षेत्र में हुई बताई जा रही है।
सोशल मीडिया पर वायरल हुए इस वीडियो में दीपक शर्मा को बॉलीवुड फिल्म 'खलनायक' के प्रसिद्ध गीत "खलनायक हूँ मैं" पर डांस करते हुए देखा जा सकता है। डांस के दौरान शर्मा ने एक पिस्तौल को लहराया, जिसे कई लोगों ने बेहद गैर-जिम्मेदार कृत्य के रूप में देखा है।
घटनास्थल पर मौजूद चश्मदीदों का दावा है कि पार्टी के दौरान हवा में कई राउंड फायरिंग भी हुई थी, हालांकि इन आरोपों की पुष्टि पुलिस द्वारा अभी तक नहीं की गई है।
दीपक शर्मा पहले भी चर्चा में रहे हैं। वह तब सुर्खियों में आए थे जब उन्होंने कथित 200 करोड़ रुपये के धोखाधड़ी मामले के मास्टरमाइंड, सुकेश चंद्रशेखर के बैरक पर छापेमारी की थी। पेशेवर जिम्मेदारियों के अलावा, दीपक शर्मा अपनी फिटनेस के प्रति जुनून के लिए भी जाने जाते हैं, और इंस्टाग्राम पर उनके 4.4 लाख से अधिक फॉलोअर्स हैं।
पिछले साल भी दीपक शर्मा खबरों में थे, जब एक महिला द्वारा उन्हें 50 लाख रुपये की ठगी का शिकार बनाया गया था।
दीपक शर्मा का इस तरह का व्यवहार, खासकर एक सरकारी अधिकारी के रूप में, समाज में गलत संदेश भेजता है। सार्वजनिक जीवन में ऐसे अधिकारियों से जिम्मेदार और अनुशासित व्यवहार की अपेक्षा की जाती है। इस घटना ने न केवल उनकी छवि को ख़राब किया है, बल्कि पुलिस विभाग की साख पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। अधिकारियों द्वारा इस मामले की जांच की जा रही है, और यदि आरोप सही पाए जाते हैं, तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकती है।
इस घटना ने सोशल मीडिया पर भी काफी हलचल मचा दी है, जहां कई यूजर्स ने उनकी हरकत की निंदा की है। कुछ लोग इसे कानून और व्यवस्था के प्रति उदासीनता का प्रतीक मानते हैं, जबकि कुछ इसे सिस्टम की विफलता के रूप में देख रहे हैं।
कानूनी और प्रशासनिक स्तर पर इस तरह की घटनाओं के गंभीर परिणाम हो सकते हैं। यह न केवल व्यक्तिगत स्तर पर बल्कि समाज में भी सुरक्षा और अनुशासन की भावना को कमजोर करता है।
दीपक शर्मा की इस घटना के बाद उनका भविष्य क्या होगा, यह जांच के परिणाम पर निर्भर करेगा। लेकिन यह स्पष्ट है कि इस विवाद ने उनके पेशेवर जीवन पर गहरा प्रभाव डाला है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इस मामले में आगे क्या कदम उठाए जाते हैं और क्या न्याय की प्रक्रिया इस घटना में अपनी भूमिका निभाती है।
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