लद्दाख में पहली बार ED का छापा: क्रिप्टोकरेंसी धोखाधड़ी में 2,508 निवेशकों के 7 करोड़ रुपये से अधिक की हानि

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने लद्दाख, जम्मू और हरियाणा के सोनीपत में पहली बार छापेमारी की। यह छापेमारी "Emollient Coin Limited" नामक एक धोखाधड़ी क्रिप्टोकरेंसी योजना से जुड़ी है, जिसमें 2,508 निवेशकों ने 7 करोड़ रुपये से अधिक की हानि उठाई है। कंपनी के प्रमोटर, A R Mir और अन्य, ने निवेशकों से पैसे जुटाए और धन का दुरुपयोग कर जम्मू में भूमि खरीदी। ED ने छापेमारी के दौरान कई ठिकानों की जांच की और पाया कि निवेशकों को लाभ का वादा करके ठगा गया। Naresh Gullia और Channi Singh कंपनी के भारतीय प्रमोटर थे।

Aug 2, 2024 - 08:53
Aug 2, 2024 - 10:01
लद्दाख में पहली बार ED का छापा: क्रिप्टोकरेंसी धोखाधड़ी में 2,508 निवेशकों के 7 करोड़ रुपये से अधिक की हानि

 प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शुक्रवार को लद्दाख संघ शासी क्षेत्र में पहली बार छापेमारी की, जो एक क्रिप्टोकरेंसी धोखाधड़ी मामले से जुड़ी है। इस मामले में आरोप है कि 2,508 निवेशकों ने 7 करोड़ रुपये से अधिक की राशि गवाई, अधिकारी ने बताया।

ED की ज़ोनल ऑफिस द्वारा किए गए इन छापेमारी में लद्दाख के लेह शहर, जम्मू और हरियाणा के सोनीपत में कम से कम छह ठिकानों को निशाना बनाया गया। यह मामला A R Mir और अन्य व्यक्तियों के खिलाफ दर्ज किया गया है।

धोखाधड़ी की यह क्रिप्टोकरेंसी योजना "Emollient Coin Limited" के नाम से चल रही थी, जिसमें Mir और उनकी कंपनी ने निवेशकों से कुल 7,34,36,267 रुपये जुटाए। यह कंपनी सितंबर 2017 में लंदन में पंजीकृत हुई थी और इसके निदेशक हेनरी मैक्सवेल थे, जो यूके की राजधानी में रहते थे।

निवेशकों को न तो कोई लाभ मिला और न ही उनकी राशि वापस की गई, क्योंकि कंपनी के प्रमोटरों ने धन का दुरुपयोग करके जम्मू में भूमि संपत्तियाँ खरीदीं।

लेह पुलिस द्वारा दायर FIR के अनुसार, स्थानीय जिला मजिस्ट्रेट द्वारा स्थापित एक समिति ने Mir और उनके एजेंटों की जांच की, जो "Emollient Coin Limited" के नाम से धोखाधड़ी कर रहे थे। इस जांच के दौरान, समिति ने कार्यालय को सील कर दिया, और आरोप लगाया कि वे निवेशकों को उनके निवेश को दोगुना करने का आश्वासन देकर धोखा दे रहे थे।

ED अधिकारियों के अनुसार, आरोपियों ने लद्दाख और अन्य क्षेत्रों से लोगों को "Emollient Coin" में निवेश करने के लिए प्रलोभित किया। निवेशकों को 10 महीने की लॉक-इन अवधि के साथ 40 प्रतिशत लाभ का वादा किया गया, जिसे "Bitcoin" के नाम पर पेश किया गया।

ED ने पाया कि निवेशकों को उन लोगों के निवेश पर 7 प्रतिशत कमीशन की पेशकश की गई जो उन्हें व्यवसाय के लिए संदर्भित करते थे, जिससे एक मल्टी-लेवल मार्केटिंग योजना तैयार की गई। Naresh Gullia और Channi Singh कंपनी के दो प्रमोटर थे। मार्च 2019 में, कंपनी को "जानबूझकर" समाप्त कर दिया गया और Mir के साथ Choudhary ने रियल एस्टेट व्यवसाय में प्रवेश किया, जम्मू में भूमि अधिग्रहण की।

इस मामले में ED की कार्रवाई ने क्रिप्टोकरेंसी के नाम पर हो रही धोखाधड़ी को उजागर किया है और निवेशकों की हानि की भरपाई की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।

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