20 साल से साधु बनकर रह रहा था 'मृत' ठग !

वी चलपथी राव ने 2002 में 50 लाख रुपये की धोखाधड़ी की थी और उसके बाद से वह भेस बदलकर छिपकर रह रहा था। 2007 में उसने दूसरी शादी की। इसके बाद, 2011 में उसकी पहली पत्नी ने अदालत में याचिका दाखिल करते हुए उसे 'मृत' घोषित करने की मांग की थी।

Aug 6, 2024 - 10:33
Aug 6, 2024 - 17:51
20 साल से साधु बनकर रह रहा था 'मृत' ठग !
 तमिलनाडु में सीबीआई के अधिकारियों ने एक ऐसे व्यक्ति को गिरफ्तार किया है, जिसे 20 वर्षों से 'मृत' घोषित कर दिया गया था। यह व्यक्ति बैंक धोखाधड़ी के एक मामले में 50 लाख रुपये लेकर गायब हो गया था और बाद में मृत घोषित कर दिया गया था। सीबीआई ने लंबी जांच के बाद इस व्यक्ति को रविवार को तिरुनेलवेली के एक गांव से पकड़ा, जहां वह साधू बनकर रह रहा था।
 
इस व्यक्ति ने कई बार अपनी पहचान बदली और सीबीआई से बचने के लिए स्थान बदलता रहा। मामला 1 मई 2002 का है जब सीबीआई ने वी चलपथी राव के खिलाफ शिकायत दर्ज की। राव, जो हैदराबाद में एसबीआई की चंदुलाल बारादरी शाखा में काम करता था, ने बैंक से 50 लाख रुपये की धोखाधड़ी की थी। उसने इलेक्ट्रॉनिक्स की दुकानों से नकली कीमतों और परिवार के सदस्यों के नाम पर फर्जी सैलरी सर्टिफिकेट का इस्तेमाल कर लोन लिया। दिसंबर 2004 में सीबीआई ने मामले में चार्जशीट दाखिल की, लेकिन इसके बाद राव गायब हो गया।
 
राव की पत्नी ने 10 जुलाई 2004 को कमाठीपुरा पुलिस स्टेशन में उसके लापता होने की रिपोर्ट दर्ज कराई। 2011 में, उन्होंने सिविल कोर्ट में अपने पति को मृत घोषित करने की याचिका दायर की, और कोर्ट ने उसे मृत घोषित कर दिया।
 
सीबीआई की जांच में पता चला कि राव ने 2007 में तमिलनाडु के सलेम में दूसरी शादी की और अपना नाम बदलकर एम विनीत कुमार रख लिया। उसकी दूसरी पत्नी से पता चला कि राव अपनी पहली शादी से हुए बेटे के संपर्क में था। 2014 में, राव ने सलेम छोड़ दिया और भोपाल चला गया, जहां उसने रिकवरी एजेंट के रूप में काम किया। इसके बाद, वह उत्तराखंड के रुद्रपुर चला गया और वहां एक स्कूल में काम करने लगा। जब सीबीआई रुद्रपुर पहुंची, तो उसे पता चला कि राव 2016 में वहां से भाग गया था।
 
सीबीआई ने एम विनीत कुमार के नाम से बने ईमेल और आधार डिटेल के साथ गूगल एंफोर्समेंट डिपार्टमेंट से संपर्क किया। इन डिटेल्स से पता चला कि राव औरंगाबाद के एक आश्रम में रह रहा था और उसने अपना नाम बदलकर विदितात्मानन्द तीर्थ रख लिया था। 2021 में, उसने 70 लाख रुपये की धोखाधड़ी की और आश्रम छोड़ दिया।
 
राव ने राजस्थान के भरतपुर में 8 जुलाई 2024 तक रहने के बाद तमिलनाडु के तिरुनेलवेली में शरण ली, जहां वह अपने शिष्य के साथ रह रहा था। सीबीआई को जानकारी मिली कि राव समुद्र के रास्ते श्रीलंका भागने की योजना बना रहा था, और इसके चलते उसे तिरुनेलवेली के नरसिंगनल्लूर गांव से गिरफ्तार कर लिया गया।

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