समाजवादी पार्टी (सपा) की सांसद जया बच्चन ने सोमवार को राज्यसभा में एक बार फिर से यह मुद्दा उठाया कि सभापति जगदीप धनखड़ ने सदन में उनका पूरा नाम, जिसमें उनके पति का नाम भी शामिल था, क्यों पुकारा। उन्होंने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा कि उन्हें अपने नाम, पति के नाम और उनकी उपलब्धियों पर गर्व है, लेकिन यह एक नया चलन है जो पहले नहीं था।
इसके जवाब में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने बताया कि चुनाव प्रमाण पत्र पर जो नाम लिखा होता है, वही आधिकारिक रूप से उपयोग होता है। उन्होंने यह भी कहा कि अमिताभ बच्चन की उपलब्धियों पर पूरे देश को गर्व है, लेकिन अगर जया चाहें तो नाम बदलने के लिए प्रक्रिया उपलब्ध है। इस पर जया बच्चन ने एक और सवाल उठाते हुए कहा कि केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने अपने नाम के साथ अपनी पत्नी का नाम क्यों नहीं जोड़ा। खट्टर ने इस पर मजाकिया अंदाज में जवाब देते हुए कहा कि उनकी पत्नी का नाम इस जन्म में तो संभव नहीं है और इसके लिए अगले जन्म तक इंतजार करना होगा।
प्रश्नकाल के दौरान जब सभापति ने जया बच्चन को "श्रीमती जया अमिताभ बच्चन" के नाम से संबोधित किया, तो जया ने तुरंत प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि उन्हें अपनी शादी और अपने पति की उपलब्धियों पर गर्व है, लेकिन यह नया चलन है जो पहले नहीं था। इस पर धनखड़ ने उन्हें टोकते हुए कहा कि चुनाव प्रमाण पत्र में नाम बदलने की प्रक्रिया उपलब्ध है और उन्होंने खुद भी 1989 में इस प्रक्रिया का उपयोग किया था।
जया बच्चन ने आगे कहा कि उन्हें अपने नाम और अपने पति, दोनों पर गर्व है और उनके पति के नाम का अर्थ है "ऐसी आभा जो कभी मिट नहीं सकती।" इस पर सभापति ने कहा कि अमिताभ बच्चन पर पूरे देश को गर्व है, और जया को केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर से अपना प्रश्न पूछने के लिए कहा। जया ने खट्टर से सवाल करते हुए कहा कि उनके नाम के साथ उनकी पत्नी का नाम भी जोड़ा जाए। इस पर खट्टर ने मजाक करते हुए कहा कि यह अगले जन्म में ही संभव होगा, जिससे पूरा सदन हंस पड़ा और जया बच्चन भी मुस्कुराती नजर आईं। खट्टर अविवाहित हैं, इसलिए उनका यह जवाब खासा चर्चा में रहा।
इससे पहले, 29 जुलाई को भी जया बच्चन ने उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह द्वारा उन्हें "जया अमिताभ बच्चन" कहकर संबोधित किए जाने पर आपत्ति जताई थी, और कहा था कि सिर्फ "जया बच्चन" बोलना पर्याप्त होता।