गैंगरेप पीड़िता का गर्भपात, DNA जांच के लिए पुलिस ने शुरू की कानूनी प्रक्रिया
अयोध्या पुलिस ने 15 वर्षीय नाबालिग लड़की के साथ हुए गैंगरेप मामले में DNA जांच की प्रक्रिया शुरू की है। पीड़िता का लखनऊ में गर्भपात किया गया, जिसमें परिवार ने सहमति दी थी। पुलिस ने मामले में मोइद खान और उसके कर्मचारी राजू खान को गिरफ्तार किया है। DNA जांच से आरोपियों की पहचान की जाएगी, और जांच पूरी होने पर चार्जशीट दाखिल की जाएगी।

अयोध्या। अयोध्या पुलिस ने 15 वर्षीय लड़की के साथ हुए गैंगरेप मामले में DNA जांच कराने के लिए कानूनी प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस मामले में पीड़िता का गर्भपात लखनऊ में किया गया, जिसमें पीड़िता और उसके परिवार ने लिखित सहमति दी थी। गर्भपात की प्रक्रिया के बाद अब DNA जांच के जरिए आरोपी, पीड़िता और भ्रूण की पहचान की जाएगी, जिससे मामले की जांच में मदद मिलेगी।
पीड़िता को बेहतर इलाज के लिए सोमवार से किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) के क्वीन मैरी अस्पताल, लखनऊ में भर्ती कराया गया है। डॉक्टरों के अनुसार, पीड़िता की हालत में सुधार हो रहा है और उसे इसी सप्ताह अस्पताल से छुट्टी दी जा सकती है।
उत्तर प्रदेश पुलिस ने 30 जुलाई को अयोध्या जिले के भदरसा नगर में एक बेकरी चलाने वाले मोइद खान और उसके कर्मचारी राजू खान को नाबालिग के साथ बलात्कार के आरोप में गिरफ्तार किया था। पुलिस के अनुसार, दो महीने पहले आरोपियों ने लड़की के साथ बलात्कार किया और इस कृत्य का वीडियो भी बनाया। यह घटना तब सामने आई जब लड़की की मेडिकल जांच के दौरान उसके गर्भवती होने का पता चला।
पुलिस के अनुसार, DNA जांच के बाद यदि आरोपियों में से किसी एक का DNA पीड़िता या भ्रूण के DNA से मेल खाता है, तो दोनों आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। मामले की पूरी जांच के बाद चार्जशीट दाखिल की जाएगी और अंतिम निर्णय अदालत द्वारा लिया जाएगा।
अयोध्या बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष, सर्वेश अवस्थी ने कहा, "पीड़िता के परिवार से हमें गर्भपात के लिए सहमति प्राप्त हुई है।" इसके बाद समिति ने कानूनी प्रक्रिया के तहत पीड़िता का गर्भपात सुनिश्चित किया।
इस जघन्य अपराध की खबर मिलने के बाद से ही पुलिस ने तेजी से कार्रवाई की और आरोपियों को गिरफ्तार किया। स्थानीय लोगों में इस घटना को लेकर काफी आक्रोश है और वे न्याय की मांग कर रहे हैं। पुलिस इस मामले में हर संभव प्रयास कर रही है ताकि पीड़िता और उसके परिवार को न्याय मिल सके।
इस घटना ने एक बार फिर समाज में बच्चों और महिलाओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। कानून व्यवस्था को सख्ती से लागू करने और समाज में जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो सके।
पीड़िता और उसका परिवार न्याय की उम्मीद कर रहे हैं। वे चाहते हैं कि आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा मिले ताकि भविष्य में कोई और इस तरह के अपराध का शिकार न बने। पुलिस और न्याय प्रणाली की भूमिका इस मामले में महत्वपूर्ण होगी, क्योंकि यह मामला समाज के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश देगा।
अयोध्या पुलिस द्वारा शुरू की गई कानूनी प्रक्रिया के बाद अब सबकी निगाहें DNA जांच के नतीजों पर टिकी हैं। जल्द ही न्यायालय में इस मामले की सुनवाई होगी और पीड़िता के परिवार को न्याय मिलने की उम्मीद की जा रही है।
इस घटना ने एक बार फिर से समाज को झकझोर कर रख दिया है और यह जरूरी हो गया है कि सरकार और समाज मिलकर ऐसे अपराधों के खिलाफ सख्त कदम उठाएं। पीड़िता और उसके परिवार की सुरक्षा और सम्मान के साथ-साथ उनके न्याय की लड़ाई में समाज को भी उनका साथ देना चाहिए।
What's Your Reaction?






