आंदोलन को बरकरार रखने में एहम भूमिका निभाने वाले 2 बांग्लादेशी छात्र कार्यकर्ता युनुस सरकार में मंत्री
बांग्लादेश में चल रहे आरक्षण के ख़िलाफ़ आंदोलन में ढाका यूनिवर्सिटी के 2 छात्र बड़े चेहरे बनकर आये सामने। आसिफ़ महमूद और नाहिद इस्लाम वो 2 छात्र कार्यकर्ता है जो अब अंतरिम सरकार के सदस्य के रूप में भी चुने गये है। दोनों छात्रों की उम्र महज़ 26 साल है लेकिन इतने बड़े आंदोलन को घी देने का काम दोनों ने बखूबी किया है।

शेख़ हसीना के देश छोड़कर भाग जाने के बाद बांग्लादेश में अंतरिम सरकार का गठन हो गया है। अंतरिम सरकार का गठन गुरुवार की रात नोबल पुरस्कार विजेता, डॉ मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में हुआ। इस गठन में क़रीब 17 सदस्य है। उन्हीं 17 में दो एसे चेहरे भी है जिन्होंने छात्रा आंदोलन को ज़ोर-शोर से बढ़ावा दिया था।
एम नाहिद इस्लाम और आसिफ़ महमूद साज़िब भुइयां, छात्र नेता भी शामिल है। हालाँकि बांग्लादेश का प्रधानमंत्री अभी नियुक्त नहीं किया गया है। मोहम्मद यूनुस भी सेना समर्थित सरकार के सलाहकार ही बने है लेकिन बताया जाता ही की उनका दर्ज़ा प्रधानमंत्री के दर्जे जैसा ही होता है।और परिषद में शामिल बाक़ी सदस्यों का दर्जा मंत्री जैसा होता है।
बांग्लादेश में चलते आरक्षण के ख़िलाफ़ छात्र आंदोलन में नाहिद इस्लाम व आसिफ़ महमूद मुख्य चेहरे है। दोनों ही बांग्लादेशी छात्र कार्यकर्ता है। नाहिद की वजह से ही आंदोलन इतना उग्र हुआ की सत्ता का तख्ता पलट भी हो गया। शेख हसीना की सरकार गिरने का कारण भी नाहिद व आसिफ़ को ही थहराया जा रहा है। यहाँ तक की मोहम्मद यूनुस को अंतरिम सरकार का नेतृत्व करने के लिए भी नाहिद इस्लाम ने ही राज़ी किया था।
नाहिद का जन्म 1998 में हुआ था और अभी वह शादीशुदा भी है और उनके एक छोटा भाई है। नाहिद ढाका यूनिवर्सिटी का 2016-17 बैच के समाजशास्त्र का छात्र है।
वहीं पर दूसरे छात्र नेता आसिफ़ महमूद भी ढाका यूनिवर्सिटी के बैच 2016-17 का लैंग्वेज स्टडीज़ का छात्र है। उनकी उम्र महज़ 26 साल है।आसिफ़ भेदभाव विरोधी आंदोलन में प्रमुख समन्वकों में से एक है। इन्होंने भी चल रहे छात्र आंदोलन को काफ़ी घी में आग देने का काम किया है।
दोनों ने ही पुलिस पर उन्हें बेरहमी से पीटने का आरोप लगाया है और पुलिस ने उन पर आंदोलन वापिस लेने का दबाव बनाया है। जबरन उनसे पुलिस की गिरफ़्त में एक वीडियो बनवाया गया जिसके भीतर वे आंदोलन बंद करने की बात कह रहे थे। हालाँकि पुलिस ने उनके इन आरोपों को झूठा बताया है।
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