आसमान से धरती तक, ड्रैगन की हर चाल होगी नाकाम, अंतरिक्ष में बड़ा 'खेल' करने जा रहा भारत

एआई तकनीक से लैस होंगे सभी नए उपग्रह, चीन-पाकिस्तान बार्डर पर निगरानी होगी और मजबूत

Oct 13, 2024 - 06:37
Oct 13, 2024 - 06:44
आसमान से धरती तक, ड्रैगन की हर चाल होगी नाकाम, अंतरिक्ष में बड़ा 'खेल' करने जा रहा भारत

भारत। अगले पांच सालों में 52 जासूसी सेटेलाइट लांच करेगा। इन सेटेलाइट्स का मकसद पड़ोसी देशों चीन-पाकिस्तान की गतिविधियों पर नजर रखना होगा। इससे सेना की निगरानी क्षमता में काफी बढ़ोतरी होगी। इसरो के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीएस) ने हाल ही में स्पेस बेस्ड सर्विलांस (एसबीएस) प्रोग्राम के तीसरे फेज को मंजूरी दे दी है, जिसके तहत ये सेटेलाइट लांच किए जाएंगे। ये सभी सेटेलाइट आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) बेस्ड होंगे। 36 हजार किलोमीटर की ऊंचाई पर ये आपस में कम्यूनिकेट कर सकेंगे। इससे पृथ्वी तक सिग्नल भेजने, मैसेज-तस्वीरें भेजने में आसानी होगी। सभी 52 सेटेलाइट्स को इसरो तैयार नहीं करेगा। 21 सेटेलाइट इसरो की तरफ से बनाए जाएंगे। 31 सेटेलाइट प्राइवेट कंपनियां तैयार करेंगी।

सर्विलांस सेटेलाइट पर 27 हजार करोड़ होंगे खर्च

भारत में तैयार 52 जासूसी सेटेलाइट्स की लांचिंग में करीब 27,000 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इसी से इस मिशन की महत्ता का अंदाजा हो जाता है। इस सभी 52 सेटेलाइट को इसरो तैयार नहीं करेगा। 21 सेटेलाइट इसरो की तरफ से बनाए जाएंगे। 31 सेटेलाइट प्राइवेट कंपनियां तैयार करेंगी। सभी सेटेलाइट, एआई बेस्ड होंगे। इसरो के एक सीनियर अधिकारी ने पिछले दिसंबर में कहा था, सेटेलाइट के बीच कम्यूनिकेशन हो सकेगा। किसी सेटेलाइट को 36000 किलोमीटर की ऊंचाई पर जीईओ (जियोसिंक्रोनस इक्वेटोरियल ऑर्बिट) में कुछ पता लगता है, तो वह निचली कक्षा (400-600 किलोमीटर की ऊंचाई पर) में दूसरे सेटेलाइट को मैसेज भेज सकेगा कि संदिग्ध इलाके में और ज्यादा जांच करे।

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