कुपवाड़ा के लोलाब में मुठभेड़: सेना और पुलिस ने आतंकियों के खिलाफ शुरू किया ऑपरेशन

कुपवाड़ा के लोलाब क्षेत्र में जारी मुठभेड़ सुरक्षा बलों के लिए एक बड़ी चुनौती है, लेकिन वे आतंकियों के खिलाफ इस संघर्ष में दृढ़ हैं। सेना और पुलिस का संयुक्त प्रयास और जनता का समर्थन इस ऑपरेशन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। सुरक्षा बलों की सतर्कता और उनकी पेशेवर क्षमता ने यह सुनिश्चित किया है कि घाटी में शांति और स्थिरता बनी रहे।

Jul 24, 2024 - 05:50
Jul 24, 2024 - 06:09
कुपवाड़ा के लोलाब में मुठभेड़: सेना और पुलिस ने आतंकियों के खिलाफ शुरू किया ऑपरेशन

कुपवाड़ा: कुपवाड़ा जिले के लोलाब क्षेत्र में मंगलवार को सेना और पुलिस ने आतंकियों के खिलाफ एक बड़ा अभियान शुरू किया। यह मुठभेड़ तब शुरू हुई जब सेना और पुलिस ने त्रिमुखा टॉप के घने जंगलों में आतंकियों के साथ संपर्क स्थापित किया, जो लोलाब को बांदीपोरा और बारामूला जिलों से जोड़ता है। इस इलाके का इस्तेमाल आतंकी एक जिले से दूसरे जिले में जाने के लिए करते रहे हैं, खासकर तब जब वे तंगधार और माछिल सेक्टरों के माध्यम से नियंत्रण रेखा (LOC) के पार से घुसपैठ करते हैं।

 कश्मीर पुलिस ने 'X' पर लिखा, "सुरक्षा बलों ने लोलाब, कुपवाड़ा के त्रिमुखा टॉप के पास आतंकियों के साथ संपर्क स्थापित किया है। ऑपरेशन जारी है।" हालांकि, प्रारंभिक संपर्क में सुरक्षा बलों और आतंकियों के बीच किसी भी तरह की हानि की पुष्टि नहीं हो सकी है।

त्रिमुखा टॉप का क्षेत्र सेना के दिवर कैंप के नजदीक है, जो लोलाब घाटी में आतंकियों की गतिविधियों पर नजर रखता है। यह घाटी घुसपैठियों के लिए एक महत्वपूर्ण ट्रांजिट पॉइंट रही है, जहां से वे नियंत्रण रेखा पार कर कुपवाड़ा में प्रवेश करते हैं। हालांकि, लोलाब घाटी कुछ समय से शांत रही है, कुछ महीने पहले सीमा सुरक्षा बल (BSF) और सेना ने सोगाम के पास एक आतंकी ठिकाने का पर्दाफाश किया था।

पिछले दो महीनों में सेना ने केरन और उरी सेक्टरों में तीन घुसपैठ के प्रयासों को विफल किया है और नियंत्रण रेखा के पास छह घुसपैठियों को मार गिराया है, जिनमें से अधिकांश विदेशी थे। LOC के पास हुई मुठभेड़ों के बाद, सेना ने उन क्षेत्रों में निगरानी बढ़ा दी है जहां से घुसपैठिए घाटी में घुसने की कोशिश कर सकते हैं। इसके अलावा, सेना नियमित गश्त करती है और संवेदनशील बिंदुओं पर कड़ी नजर रखती है। विशेष रूप से रात के समय और खराब मौसम के दौरान, उच्च तकनीकी फेंसिंग के पास लगे निगरानी उपकरणों का उपयोग कर सेना इन क्षेत्रों की निगरानी करती है। सेना ड्रोन, क्वाडकॉप्टर और मानव खुफिया जानकारी का भी उपयोग करती है ताकि LOC फेंसिंग के पास घुसपैठियों की गतिविधियों को ट्रैक किया जा सके।

इस तरह की मुठभेड़ों में सुरक्षा बलों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। घने जंगल और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में आतंकियों की गतिविधियों पर नजर रखना और उन्हें पकड़ना मुश्किल होता है। इसके बावजूद, सुरक्षा बलों ने आतंकियों के खिलाफ सफलतापूर्वक अभियान चलाने में सफलता पाई है। सुरक्षा बलों का मानना है कि आतंकी संगठन अपने नेटवर्क को फिर से सक्रिय करने की कोशिश कर रहे हैं और घाटी में अस्थिरता फैलाने के प्रयास कर रहे हैं। हालांकि, सेना और पुलिस के संयुक्त प्रयासों ने इन योजनाओं को विफल किया है और आतंकियों की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी है।

लोलाब घाटी के स्थानीय निवासियों ने भी सुरक्षा बलों को अपना समर्थन दिया है। वे सुरक्षा बलों के साथ मिलकर आतंकियों की गतिविधियों की जानकारी साझा कर रहे हैं। इससे सुरक्षा बलों को ऑपरेशन को सुचारू रूप से चलाने में मदद मिल रही है और आतंकी नेटवर्क को जड़ से उखाड़ फेंकने में सहायता मिल रही है।

कुपवाड़ा के लोलाब क्षेत्र में जारी मुठभेड़ सुरक्षा बलों के लिए एक बड़ी चुनौती है, लेकिन वे आतंकियों के खिलाफ इस संघर्ष में दृढ़ हैं। सेना और पुलिस का संयुक्त प्रयास और जनता का समर्थन इस ऑपरेशन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। सुरक्षा बलों की सतर्कता और उनकी पेशेवर क्षमता ने यह सुनिश्चित किया है कि घाटी में शांति और स्थिरता बनी रहे।

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