जम्मू-कश्मीर में जवानों की शहादत पर भड़के विपक्षी नेता, केंद्र सरकार पर उठाये सवाल
डोडा जिले में हुए आतंकी हमले में कैप्टन सहित चार सैनिकों ने वीरगती पाई। लगातार हो रहे जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमलों के चलते राजनीतिक माहौल भी गरमाया हुआ है। विपक्षी नेता राहुल गांधी, महबूबा मुफ़्ती, मनोज झा आदि ने इस घटना पर अपनी प्रतिक्रिया दी। पिछली घटनाओं की तरह, जैश-ए-मोहम्मद के 'कश्मीर टाइगर्स' संगठन ने इस हमले की भी ज़िम्मेदारी ली। आखिर कब ख़तम होगा आतंक का खौफ़?

15 जुलाई 2024 की शाम को जम्मू-कश्मीर में एक बार फिर आतंकवाद का क़हर देखने को मिला। कश्मीर के डोडा जिले में एक आतंकी हमला हुआ, जिसमें कैप्टन बृजेश थापा और तीन जवान शहीद हो गए। रियासी में हुई घटना के बाद यह तीसरा आतंकी हमला था। स्थानीय निवासियों से पूछताछ के दौरान पता चला कि दो पाकिस्तानी आतंकी एक घर में घुसे और पानी मांगा। जब संदेह के चलते उनके अनुरोध को अस्वीकार कर दिया गया, तो आतंकियों ने लोगों को निशाना बनाकर गोलिया चलानी शुरू कर दीं, जिससे एक आदमी घायल हो गया । सेना ने तुरंत एक आतंकी को ढेर कर दिया।
इस घटना पर राहुल गांधी ने अपने 'X' हैंडल पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी और उनके परिजनों के लिए शोक प्रदर्शित किया। साथ ही उन्होंने लिखा की, "भाजपा की ग़लत नीतियों का खामियाज़ा हमारे जवान और उनके परिवार भुगत रहे हैं।" राहुल गांधी ने यह भी लिखा की, "हर देशभक्त भारतीय की यह मांग है कि सरकार बार-बार हो रही सुरक्षा चूकों की पूरी जावबदेही लेकर देश और जवानों के गुनेहगारों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करें"।
आज जम्मू कश्मीर में फिर से एक आतंकी मुठभेड़ में हमारे जवान शहीद हो गए। शहीदों को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए शोक संतप्त परिजनों को गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं।
एक के बाद एक ऐसी भयानक घटनाएं बेहद दुखद और चिंताजनक है।
लगातार हो रहे ये आतंकी हमले जम्मू कश्मीर की जर्जर… — Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 16, 2024
जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इस आतंकवादी हमले की जिम्मेदारी गृहमंत्री और रक्षा मंत्री को लेनी ही चाहिए। पीडीपी चीफ ने RR7 को बर्खास्त करने की भी मांग की। महबूबा मुफ़्ती ने यह भी कहा की," कोई जवाब देही नहीं है। अब तक तो सभी के ख़िलाफ कार्रवाई हो जानी चाहिए थी। डीजीपी को बर्खावस्त कर दिया जाना चाहिए था। पिछले 32 महीना में करीब 50 सैनिकों ने अपनी जान गवाई है, मौजूद डीजीपी राजनीतिक रूप से चीजों को ठीक करने में व्यस्त हैं। उनका काम पीडीपी को तोड़ना, लोगों व पत्रकारों को परेशान करना और लोगों को धमकाना है।"
राज्यसभा सांसद मनोज झा ने केंद्र सरकार पर ताना कस्ते हुए कहा की दिल्ली में बैठकर क़श्मीर में नॉर्मल सी का दावा करने वालों को अब शर्म नहीं आएगी। उन्होंने कहा कि सरकार की पहल कदमियाँ पूरे जम्मू कश्मीर में नाकाफ़ी है साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार में स्वीकारोक्ति की क्षमता नहीं है जिसके कारण सरकार कोई भी सही कदम नहीं उठा पा रही है।
यह स्पष्ट नहीं है कि 22 अप्रैल से शुरू हुए जम्मू- कश्मीर में आतंकी हमले कब समाप्त होंगे। डोडा आतंकवादी मुठभेड़ में हमारे बहादुर सैनिक शहीद हो गए। रिपोर्ट्स बताती हैं कि दोनों तरफ़ से लगभग 40 मिनट तक गोलीबारी हुई। पिछली घटनाओं की तरह, जैश-ए-मोहम्मद के 'कश्मीर टाइगर्स' संगठन ने इस हमले की भी ज़िम्मेदारी ली। भीषण मुठभेड़ के बाद, पैरा कमांडो और अन्य सुरक्षा बलों ने 30 किलोमीटर के इलाके को घेर लिया है और आतंकवादियों को खत्म करने के लिए बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान शुरू किया है। इसके अलावा, देसा इलाके में संदिग्ध व्यक्तियों की जांच की जा रही है।
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