बेबी केयर सेंटर अग्निकांड मामले में डॉक्टर आकाश की जमानत पर फैसला सुरक्षित

नई दिल्ली। दिल्ली के कड़कड़डूमा कोर्ट ने विवेक विहार बेबी केयर सेंटर अग्निकांड मामले में डॉक्टर आकाश की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया है।

Jun 3, 2024 - 10:34
बेबी केयर सेंटर अग्निकांड मामले में डॉक्टर आकाश की जमानत पर फैसला सुरक्षित

नई दिल्ली। दिल्ली के कड़कड़डूमा कोर्ट ने विवेक विहार बेबी केयर सेंटर अग्निकांड मामले में डॉक्टर आकाश की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया है। कोर्ट आज ही 4 बजे के बाद फैसला सुनाएगा।

सुनवाई के दौरान डॉक्टर आकाश की ओर से पेश वकील नवीन कुमार सिंह ने कहा कि डॉक्टर आकाश बेबी केयर सेंटर में बतौर ट्रेनी काम कर रहे थे। वे जनवरी 2024 से अस्पताल में काम कर रहे थे। नवीन कुमार ने डॉक्टर आकाश की जमानत की मांग करते हुए कहा कि डॉक्टर आकाश अस्पताल प्रबंधन के निर्देशानुसार अस्पताल के स्टाफ की मदद कर रहे थे। सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने डॉक्टर आकाश की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि अगर जमानत दी जाती है तो साक्ष्यों और सबूतों के साथ छेड़छाड़ की जा सकती है। इस अग्निकांड में बच्चों की मौत हुई है।

कोर्ट ने 30 मई को डॉक्टर आकाश और नवीन कीची को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा था। कोर्ट ने 30 मई को ही डॉक्टर आकाश की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया था।

25 मई को विवेक विहार बेबी केयर सेंटर में आग लग गई थी जिसमें 7 बच्चों की मौत हो गई थी। इस अस्पताल में 12 मासूम भर्ती थे। आग लगने पर पुलिस, दमकल विभाग, अस्पताल, स्टाफ और आम लोगों ने किसी तरह अस्पताल की इमारत के पिछले हिस्से में मौजूद खिड़की के रास्ते सभी 12 बच्चों को निकाला।

इस घटना के बाद दिल्ली पुलिस ने अस्पताल के मालिक डॉक्टर नवीन कीची और एक डॉक्टर आकाश को गिरफ्तार कर लिया। दिल्ली पुलिस ने नवीन कीची के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 336 और 304 ए के तहत एफआईआर दर्ज किया। डॉक्टर आकाश के पास बीएएमएस की डिग्री है। अस्पताल को चलाने के लिए विशेषज्ञ डॉक्टर की जरूरत होती है, इसके बावजूद अस्पताल के मालिक डॉक्टर नवीन कीची ने आयुर्वेदिक डॉक्टर आकाश को रखा हुआ था।

दिल्ली पुलिस के मुताबिक इस अस्पताल के पास केवल पांच बेड की अनुमति थी, लेकिन ये अस्पताल 12 बेड का चलाया जा रहा था। जांच के दौरान अस्पताल परिसर में आग बुझाने वाला एक भी सिलेंडर नहीं मिला। अस्पताल में आपातकालीन स्थिति में इमरजेंसी एग्जिट गेट भी नहीं बनाया गया था। अस्पताल का लाइसेंस भी समाप्त हो गया था।एजेंसी

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