लाल किले से स्वर्णिम भारत के लिए जोशीले PM मोदी का नया डिजाइन

पीएम मोदी ने अपने भाषण में सुधारों पर भी विस्तार से बात की और कुछ गलतफहमियों को दूर करने का प्रयास किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि पिंक पेपर में छपने वाली बड़ी आर्थिक खबरें केवल सतही घटनाक्रम नहीं हैं। बल्कि, यह सुधारों की प्रक्रिया बहुत गहराई से की जा रही है, जो देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में मदद करेगी। मोदी ने कहा कि यह केवल तात्कालिक प्रभावों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इसका दूरगामी असर होगा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह सुधार योजनाबद्ध तरीके से लागू किए जा रहे हैं, जिससे देश को दीर्घकालिक लाभ मिल सके।

Aug 15, 2024 - 06:18
Aug 16, 2024 - 01:44
लाल किले  से  स्वर्णिम  भारत  के  लिए  जोशीले  PM  मोदी  का  नया  डिजाइन

78वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर पीएम नरेंद्र मोदी ने लाल किले से देश को संबोधित किया। उन्होंने भारत को विकसित राष्ट्र बनाने और युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के अपने विजन को साझा किया। अपने भाषण में उन्होंने महिला सुरक्षा और सुधारों पर भी बात की। एनडीटीवी के एडिटर इन चीफ संजय पुगलिया ने पीएम मोदी के इस भाषण का विश्लेषण करते हुए बताया कि इसके क्या मायने हैं।

यह एक बेहद पावरफुल स्पीच थी, जिसमें उन्होंने "डिजाइन इन इंडिया" शब्द का उल्लेख किया। इसे समझना जरूरी है कि मोदी का नया दृष्टिकोण क्या है। चुनाव परिणामों के बाद यह सवाल उठ रहा था कि मोदी किस तरह आगे बढ़ेंगे। उनके द्वारा 'विकसित भारत' की बात करना, एक व्यापक दृष्टिकोण का हिस्सा था, जिसमें सभी पक्षों को समाहित करने और यात्रा को मजबूत करने की बात की गई थी।

पीएम मोदी ने "स्वर्णिम भारत" का उल्लेख कई बार किया, जो देश के लोगों में नई ऊर्जा और प्रेरणा का संचार करने के लिए था। उन्होंने रोजगार के लिए जरूरी कदम उठाने और सामाजिक गवर्नेंस के अदृश्य इन्फ्रास्ट्रक्चर पर ध्यान केंद्रित किया।

पीएम मोदी के भाषण में एक नया एजेंडा उभरता हुआ दिखाई दिया, जिसमें लोकल सेल्फ गवर्नेंस और राज्य स्तर पर तेजी से काम करने की आवश्यकता पर जोर दिया गया। उन्होंने तीन लाख गवर्नेंस यूनिट्स का उल्लेख किया, जिनसे 30 लाख सुधार संभव हो सकते हैं।

पीएम मोदी ने सुधारों पर भी स्पष्टता प्रदान की, यह बताते हुए कि पिंक पेपर में दिखने वाली बड़ी आर्थिक खबरें मात्र सतही घटनाक्रम नहीं हैं। उन्होंने कहा कि यह एक गहन और व्यापक प्रक्रिया है, जो लोगों के जीवन पर गहरा असर डालेगी।

मोदी का जोशीला अंदाज भी इस भाषण में देखा गया, जिसमें उन्होंने कॉमन सिविल कोड का जिक्र किया और कहा कि हमें "कम्युनल" शब्द का इस्तेमाल करने के बजाय "सेक्युलर" शब्द पर जोर देना चाहिए।

उनकी दूसरी प्रमुख हेडलाइन थी उन लोगों पर निशाना साधना जो भारत की प्रगति से नाखुश हैं, भ्रष्टाचार और परिवारवाद का समर्थन करते हैं। मोदी ने भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखने की बात की, जो उन्होंने पहले भी कही थी, लेकिन इस बार उनके बयान में एक नया जोश नजर आया।

अपने भाषण में पीएम मोदी ने बिहार और नालंदा का उल्लेख किया, जो शिक्षा के संदर्भ में था। उन्होंने भारत की चुनौतियों के प्रति सजगता दिखाई और बांग्लादेश के संदर्भ में अपनी नेबर फर्स्ट पॉलिसी का भी उल्लेख किया। उन्होंने संकेत दिया कि बांग्लादेश में हालिया परिवर्तन भारत के लिए चुनौती हो सकते हैं, लेकिन भारत उसकी शांति और समृद्धि का समर्थन करेगा। 

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