हिंडनबर्ग के आरोपों को सेबी प्रमुख ने बताया बेबुनियाद !
हिंडनबर्ग ने अपनी नई रिपोर्ट में कहा है कि उन्होंने 18 महीने पहले अदाणी समूह पर एक रिपोर्ट जारी की थी, लेकिन सेबी ने उस पर कोई कार्रवाई नहीं की। रिपोर्ट में कहा गया है कि अदाणी समूह के खिलाफ लगाए गए आरोपों पर ध्यान नहीं दिया गया। हालांकि, सेबी के प्रमुख ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि वे निराधार हैं। उनका कहना है कि नियामक ने सभी जरूरी कदम उठाए हैं और उचित कार्रवाई की है। इस मामले में अदाणी समूह ने भी किसी प्रकार की अनियमितता से इनकार किया है।

हिंडनबर्ग ने अपनी नई रिपोर्ट में कहा कि उन्होंने 18 महीने पहले अदाणी समूह पर एक रिपोर्ट जारी की थी, लेकिन सेबी ने उस पर कोई कार्रवाई नहीं की। रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि अदाणी समूह के खिलाफ उठाए गए मुद्दों पर ध्यान नहीं दिया गया। हालांकि, सेबी प्रमुख ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि वे बेबुनियाद हैं। उनका कहना है कि नियामक ने आवश्यक कदम उठाए हैं और उचित कार्रवाई की है। अदाणी समूह ने भी किसी तरह की अनियमितता से इंकार किया है।
10 अगस्त को जारी हिंडनबर्ग रिपोर्ट में दावा किया गया कि सेबी प्रमुख माधबी बुच और उनके पति का अदाणी समूह से जुड़े कुछ अपतटीय फंडों में हिस्सा था। हिंडनबर्ग का आरोप है कि सेबी ने अदाणी समूह के खिलाफ कार्रवाई नहीं की, भले ही उन्होंने पहले से ही इस मामले में रिपोर्ट दी थी।
माधबी बुच और उनके पति धवल ने इन आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट में उनके खिलाफ लगाए गए आरोप निराधार हैं। उनका कहना है कि उनके वित्तीय लेनदेन पूरी तरह पारदर्शी हैं और वे पहले ही सेबी को सभी आवश्यक खुलासे कर चुके हैं। दंपति ने कहा कि उन्होंने सेबी को उन दस्तावेज़ों का भी खुलासा किया है जो उनके सेबी से जुड़े न होने की अवधि से संबंधित हैं। उन्होंने यह भी कहा कि वे उचित समय पर एक विस्तृत बयान जारी करेंगे।
उन्होंने यह भी कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हिंडनबर्ग, जिसके खिलाफ सेबी ने कार्रवाई की है, ने चरित्र हनन का सहारा लिया है। नई रिपोर्ट में हिंडनबर्ग ने कहा कि अदाणी समूह पर उनकी मूल रिपोर्ट को 18 महीने हो चुके हैं, और इसके बावजूद सेबी ने कठोर कदम नहीं उठाए। इसके बजाय, जून 2024 में सेबी ने उन्हें एक कारण बताओ नोटिस भेजा।
हिंडनबर्ग ने यह भी आरोप लगाया कि मॉरीशस में अदाणी समूह के काले धन नेटवर्क की जानकारी दिए जाने के बाद भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। गुप्त दस्तावेजों के हवाले से हिंडनबर्ग ने कहा कि सेबी प्रमुख और उनके पति की अदाणी समूह से जुड़े अपतटीय संस्थाओं में हिस्सेदारी थी, जिन्हें गौतम अदाणी के भाई विनोद अदाणी संचालित करते हैं।
यह ध्यान देने योग्य है कि पिछले साल भी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट ने अदाणी समूह को काफी नुकसान पहुंचाया था। जनवरी 2023 में जारी रिपोर्ट में अदाणी समूह पर कई गंभीर आरोप लगाए गए थे, जिसके बाद शेयर बाजार में बड़ी गिरावट आई थी और गौतम अदाणी की संपत्ति में भारी गिरावट दर्ज की गई थी।
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