प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 32वें अंतर्राष्ट्रीय कृषि अर्थशास्त्री सम्मेलन का उद्घाटन किया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली में 32वें अंतर्राष्ट्रीय कृषि अर्थशास्त्री सम्मेलन (ICAE) का उद्घाटन किया। यह त्रैवार्षिक कार्यक्रम, जो 2 से 7 अगस्त 2024 तक चलेगा, 65 वर्षों बाद भारत में आयोजित हो रहा है। इस वर्ष का थीम "सतत कृषि-खाद्य प्रणालियों की ओर परिवर्तन" है, जिसका उद्देश्य वैश्विक चुनौतियों के बीच सतत कृषि की आवश्यकताओं को संबोधित करना है। सम्मेलन में लगभग 75 देशों के 1,000 प्रतिनिधि शामिल होंगे और यह युवा शोधकर्ताओं और पेशेवरों के लिए एक मूल्यवान मंच प्रदान करेगा। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में भारत की प्रगति और सतत विकास की दिशा में प्रतिबद्धता पर जोर दिया। इस सम्मेलन का उद्देश्य अनुसंधान और नीति निर्माण को प्रभावित करना और कृषि क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देना है।

नई दिल्ली में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय कृषि विज्ञान केंद्र (NASC) परिसर में 32वें अंतर्राष्ट्रीय कृषि अर्थशास्त्री सम्मेलन (ICAE) का उद्घाटन किया। यह आयोजन सुबह 9:30 बजे शुरू हुआ, जिसमें प्रधानमंत्री ने सभा को संबोधित किया।
यह त्रैवार्षिक कार्यक्रम अंतर्राष्ट्रीय कृषि अर्थशास्त्री संघ द्वारा आयोजित किया गया है और 2 अगस्त से 7 अगस्त, 2024 तक चलेगा। 65 वर्षों के बाद यह सम्मेलन फिर से भारत में आयोजित हो रहा है।
इस वर्ष का थीम "सतत कृषि-खाद्य प्रणालियों की ओर परिवर्तन" है, जिसका उद्देश्य जलवायु परिवर्तन, संसाधन क्षरण, बढ़ती उत्पादन लागत और संघर्ष जैसी वैश्विक चुनौतियों के बीच सतत कृषि की आवश्यकताओं को संबोधित करना है। सम्मेलन में भारत की इन मुद्दों से निपटने की सक्रिय रणनीतियों और कृषि अनुसंधान और नीति में हुई प्रगति को भी उजागर किया जाएगा।
ICAE 2024 युवा शोधकर्ताओं और अनुभवी पेशेवरों के लिए अपना काम प्रस्तुत करने और अंतर्राष्ट्रीय साथियों के साथ नेटवर्किंग का एक मूल्यवान मंच प्रदान करेगा। इस आयोजन का उद्देश्य अनुसंधान संस्थानों और विश्वविद्यालयों के बीच साझेदारी को मजबूत करना, राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर नीति निर्माण को प्रभावित करना और डिजिटल कृषि और सतत कृषि-खाद्य प्रणालियों में भारत की प्रगति को प्रदर्शित करना है। यह सम्मेलन लगभग 75 देशों के 1,000 प्रतिनिधियों को आकर्षित करने की उम्मीद है, जो वैश्विक कृषि समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण सभा होगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कृषि क्षेत्र में भारत की प्रगति और सतत विकास की दिशा में देश की प्रतिबद्धता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि यह सम्मेलन वैश्विक कृषि अर्थशास्त्रियों के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है, जहां वे अपने अनुभव और शोध को साझा कर सकते हैं और सतत कृषि-खाद्य प्रणालियों की दिशा में वैश्विक दृष्टिकोण विकसित कर सकते हैं।
प्रधानमंत्री ने यह भी उल्लेख किया कि कैसे भारत ने जलवायु-स्मार्ट कृषि, जैविक खेती, और कृषि में डिजिटल तकनीकों के उपयोग के माध्यम से महत्वपूर्ण प्रगति की है। उन्होंने कहा कि भारत ने कृषि उत्पादन में न केवल आत्मनिर्भरता हासिल की है, बल्कि निर्यात में भी महत्वपूर्ण वृद्धि की है।
सम्मेलन में कृषि क्षेत्र में नवाचार, अनुसंधान और विकास पर भी ध्यान केंद्रित किया जाएगा। विभिन्न सत्रों और कार्यशालाओं के माध्यम से, प्रतिनिधि नवीनतम तकनीकों और विधियों पर चर्चा करेंगे जो सतत कृषि को बढ़ावा देने में मदद कर सकती हैं।
अंतर्राष्ट्रीय कृषि अर्थशास्त्री संघ के अध्यक्ष ने भी सम्मेलन के उद्घाटन पर अपने विचार साझा किए और कहा कि यह सम्मेलन वैश्विक कृषि नीति, अनुसंधान और नवाचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
इस प्रकार, 32वें अंतर्राष्ट्रीय कृषि अर्थशास्त्री सम्मेलन (ICAE) का उद्घाटन नई दिल्ली में एक महत्वपूर्ण घटना बन गया है, जो वैश्विक कृषि समुदाय के लिए सतत कृषि और खाद्य प्रणालियों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
(PIB से प्राप्त जानकारी के साथ)
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