भारी बारिश के कारण पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में शुक्रवार को एक युवक की मौत हो गई जब वह पहाड़ से गिरे पत्थर की चपेट में आ गया। इस बीच, दो राष्ट्रीय राजमार्गों समेत 128 सड़कों पर यातायात बाधित रहा। साथ ही, पंजाब और हरियाणा सहित 24 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में अगले सात दिनों के लिए भारी बारिश को लेकर चेतावनी जारी की गई है।
मंडी में औट पुलिस थाना के अंतर्गत मंडी-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग पर हणोगी पुल के पास बस का इंतजार कर रहे युवक की पहाड़ी से गिरे पत्थर की चपेट में आने से मौत हो गई। यह युवक नेपाल का रहने वाला था और अपने मित्र के साथ हणोगी आया था। कुल्लू वापस जाने के लिए वह बस का इंतजार कर रहा था। उसकी पहचान 25 वर्षीय शमशानी के रूप में की गई है। भूस्खलन के कारण शिमला-किन्नौर एनएच 20 घंटे और चंडीगढ़-मंडी एनएच 13 घंटे तक बंद रहा। लोग पूरी रात गाड़ियों में ही फंसे रहे। शुक्रवार सुबह एनएच को एकतरफा यातायात के लिए खोला गया। शाम तक प्रदेश में 128 सड़कों, 44 बिजली ट्रांसफार्मरों और 67 पेयजल योजनाओं को नुकसान पहुंचा।
हिमाचल प्रदेश में 31 जुलाई की रात को श्रीखंड महादेव की पहाड़ियों पर बादल फटने से आई बाढ़ में अब तक 28 लोगों की मौत हो चुकी है। शुक्रवार को शिमला जिले में छह और शव मिले। अभी भी 30 से अधिक लोग लापता हैं, जिनकी खोज के लिए अभियान जारी है। सुन्नी बांध क्षेत्र में भी चार लोगों के शव मिले हैं।
मौसम विभाग ने बताया कि दक्षिण-पूर्व उत्तर प्रदेश और आसपास के क्षेत्रों, राजस्थान और दक्षिण झारखंड में कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। इसके प्रभाव से अगले सात दिनों में 24 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में भारी बारिश की संभावना है। इनमें हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान, जम्मू-कश्मीर, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा-चंडीगढ़-दिल्ली और मध्य प्रदेश शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, छत्तीसगढ़, गोवा, महाराष्ट्र, तेलंगाना, केरल, कर्नाटक, तटीय आंध्र प्रदेश और पूर्वोत्तर के सभी सात राज्यों में भी इस दौरान भारी बारिश हो सकती है।
ओडिशा में हीराकुंड बांध से पानी छोड़े जाने के बाद महानदी का जलस्तर बढ़ गया है। इसे देखते हुए राज्य के विशेष राहत आयुक्त सत्यव्रत साहू ने 10 जिलों के कलेक्टरों को बाढ़ के प्रति सचेत रहने के निर्देश दिए हैं। इनमें संबलपुर, सोनपुर, अंगुल, पुरी, कटक, जगतसिंहपुर और केंद्रपाड़ा शामिल हैं। हीराकुंड बांध से 5.78 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। साहू ने कलेक्टरों से निचले इलाकों में रहने वाले लोगों का विशेष ध्यान रखने को कहा है।