रतन टाटा के सौतेले भाई नोएल टाटा, अब टाटा समूह कि संभालेंगे कमान

रतन टाटा के सौतेले भाई नोएल टाटा अब उनकी विरासत संभालेंगे. टाटा ट्रस्ट ने एक मीटिंग में नोएल टाटा को नया चेयरमैन बनाने का एलान किया है. देहांत से पहले रतन टाटा ही टाटा ट्रस्ट के प्रमुख थे,

Oct 11, 2024 - 12:34
Oct 11, 2024 - 12:43
रतन टाटा के सौतेले भाई नोएल टाटा, अब टाटा समूह कि संभालेंगे कमान

रतन टाटा के सौतेले भाई नोएल टाटा अब उनकी विरासत संभालेंगे, टाटा ट्रस्ट ने एक मीटिंग में नोएल टाटा को नया चेयरमैन बनाने का एलान किया है। देहांत से पहले रतन टाटा ही टाटा ट्रस्ट के प्रमुख थे, अभी टाटा ग्रुप की सबसे बड़ी कंपनी टाटा संस है, लेकिन टाटा ट्रस्ट मैनेजमेंट के मामले में इससे भी ऊपर है।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया है, कि दिवंगत रतन टाटा के सौतेले भाई नोएल टाटा को सर्वसम्मति से टाटा ग्रुप का चेयरमैन चुन लिया गया है। वे उन ट्रस्टों का नेतृत्व करेंगे, जो टाटा समूह की प्राथमिक होल्डिंग कंपनी टाटा संस में नियंत्रण हिस्सेदारी रखते हैं। नोएल वर्तमान में टाटा इंटरनेशनल लिमिटेड, वोल्टास लिमिटेड, टाटा इन्वेस्टमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड जैसी समूह की कंपनियों के अध्यक्ष हैं. साथ ही टाइटन कंपनी के उपाध्यक्ष भी हैं।

नोएल टाटा पहले ही सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट और सर रतन टाटा ट्रस्ट के ट्रस्टी हैं। ये दोनों ट्रस्ट टाटा संस में हिस्सेदारी रखते हैं. ये टाटा समूह की परोपकारी संस्थाओं का समूह है, जो 13 लाख करोड़ रुपये के रेवेन्यू वाले टाटाहै,ग्रुप में 66 फीसदी की हिस्सेदारी रखता है। इसके तहत आने वाले सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट और सर रतन टाटा ट्रस्ट के पास ही टाटा संस की 52 फीसदी हिस्सेदारी है। बुधवार को 86 वर्षीय रतन टाटा के निधन के बाद नोएल टाटा की नियुक्ति हुई है। वे टाटा संस के मानद चेयरमैन थे। और टाटा ट्रस्ट्स के प्रमुख थे, उल्‍लेखनीय है, कि टाटा समूह के प्रशासन में अहम भूमिका निभाते हैं। ये टाटा संस में 66 फीसदी हिस्सेदारी को नियंत्रित करते हैं, जो ऑटोमोबाइल से लेकर विमानन तक के विविध व्यवसायों की देखरेख करने वाली होल्डिंग कंपनी है। अपने धर्मार्थ और परोपकारी कार्यों के माध्यम से इन ट्रस्टों ने वित्‍त वर्ष 2022-23 के दौरान लगभग 456.42 करोड़ रुपये (लगभग 56 मिलियन डॉलर) दान किए हैं।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow