आज हर घर में टीवी देखे जा सकते हैं। शुरुआत में टीवी ब्लैक एंड व्हाइट में आया, लेकिन बाद में रंगीन हो गया। भारत में कलर टीवी का आगमन 25 अप्रैल 1982 को हुआ, जिसकी शुरुआत मद्रास से हुई थी। हालांकि, टीवी 15 सितंबर 1959 को ही भारत में आ गया था, लेकिन कलर टीवी ने दर्शकों की दिलचस्पी बढ़ा दी। उस समय, कलर टीवी समाज में आर्थिक समृद्धि का प्रतीक बन गया था। आजकल तो हर घर में कलर टीवी आसानी से मिल जाता है, लेकिन पहले यह केवल समृद्ध लोगों के पास ही होता था।
दूरदर्शन आज दो नेशनल और 11 रीजनल चैनलों के साथ कुल 21 चैनलों का प्रसारण करता है, जिससे यह देश का सबसे बड़ा नेटवर्क बन गया है। दूरदर्शन की विश्वसनीयता ने इसे दुर्गम इलाकों तक पहुंचाने में मदद की है। इसके लिए दूरदर्शन 1,416 ट्रांसमिशन केंद्र और 66 स्टूडियो का उपयोग करता है।
टीवी का सफर 96 साल का हो चुका है। रंगीन टीवी के आगमन के बाद कई कार्यक्रमों का प्रसारण शुरू हुआ। भारत ने नवंबर 1982 में एशियाई खेलों का आयोजन किया और इन खेलों का रंगीन प्रसारण किया गया। 1980 का दशक 'दूरदर्शन का युग' कहलाता है, जब धारावाहिकों ने दूरदर्शन की पहचान घर-घर में स्थापित कर दी।
टीवी का इतिहास 96 साल पुराना है। पहले यह एक साधारण बक्सा था, लेकिन अब यह स्मार्ट टीवी बन चुका है। टीवी के जनक जेएल बेयर्ड ने 1924 में पहला टेलीविजन बनाया था। टीवी के रिमोट कंट्रोल का आविष्कार शिकागो में जन्मे यूजीन पॉली ने 1915 में किया। पहला कलर टीवी 1954 में वेस्टिंगहाउस ने बनाया था, जिसकी कीमत 6,200 रुपये थी। बाद में आरसीए ने कलर टीवी सीटी-100 पेश किया, जिसकी कीमत लगभग 5,000 रुपये थी, और इसके 4,000 यूनिट बनाए गए थे।