उत्तराखंड में एक बार फ़िर बारिश का कहर , मलबे के नीचे दबे मकान और तीन दिन तक स्कूल भी रहेंगे बंद!
उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में गुरुवार को बारिश ने भारी तबाही मचाई। टिहरी में भारी बारिश के कारण नदी-नाले उफान पर आ गए। कई क्षेत्रों में नदी का जलस्तर बढ़ने से गंभीर खतरा उत्पन्न हो गया। 4 से 5 घरों में मलबा और पानी घुसने से स्थिति और भी गंभीर हो गई है।

उत्तराखंड के कई क्षेत्रों में भारी बारिश के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है और लैंडस्लाइड की घटनाएं बढ़ गई हैं। शनिवार को टिहरी के तिनगढ़ गांव में लैंडस्लाइड हुआ, जिसमें 15 मकान मलबे में दब गए। प्रशासन ने सुबह ही इन मकानों को खाली करा लिया था, इसलिए कोई हताहत नहीं हुआ। ग्रामीणों को विनकखाल इंटर कॉलेज में स्थानांतरित किया गया है। डीएम मयूर दीक्षित ने बताया कि आपदा के कारण भिलंगना ब्लॉक के आंगनबाड़ी केंद्रों और कक्षा एक से 12वीं तक के सभी स्कूल सोमवार से बुधवार तक बंद रहेंगे।
ग्राम पंचायत भंगेली के गुणगा गांव में भारी बारिश से संपर्क मार्ग, दो पुलिया, और पेयजल लाइन पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई है , साथ ही खेतों और अन्य संपत्तियों को भी नुकसान हुआ है। ग्राम प्रधान प्रवीन प्रज्ञान ने बताया कि रात एक बजे के करीब अचानक आकाशीय बिजली की तेज गर्जना हुई और एक छोटा नाले ने नदी का रूप ले लिया, जिससे गांव की कई संपत्तियों को नुकसान हुआ है। इसकी सूचना आपदा विभाग, एसडीएम, डीएम और क्षेत्रीय विधायक को दी गई है।
शनिवार को टिहरी के भिलंगना ब्लॉक के तोली गांव में लैंडस्लाइड की चपेट में आए एक मकान में मां और बेटी दब गईं, जिससे उनकी मौत हो गई हालांकि परिवार के अन्य सदस्यों ने किसी तरह बाहर भागकर अपनी जान बचा ली। ग्राम प्रधान रमेश जिरवाड़ ने बताया कि रात को ढाई बजे जोरदार बारिश हुई और वीरेंद्र लाल का मकान लैंडस्लाइड की चपेट में आ गया। मकान के पीछे से हुए भूस्खलन में दीवार क्षतिग्रस्त हो गई और घर के अंदर सो रही सरिता देवी (36) और उनकी बेटी अंकिता (15) मलबे में दब गईं। सरिता देवी का शव बरामद कर लिया गया है। तिनगढ़ गांव का एक जूनियर हाई स्कूल भवन भी पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है और विशन गांव को जोड़ने वाला पैदल पुल भी बह गया है।
इसके अलावा टिहरी जिले के जौनपुर ब्लॉक के थत्यूड़ में 33 केवी विद्युत सब स्टेशन में भारी मलबा भर गया है, जिससे ट्रांसफार्मर दब गए हैं और विद्युत आपूर्ति भी बाधित हो गई है। सब स्टेशन परिसर में सड़क का मलबा और पानी घुसा हुआ है। बूढ़ाकेदार क्षेत्र में धर्मगंगा नदी के उफान पर आने से मां-बेटी नदी के तेज बहाव में बह गए। बूढ़ाकेदार से छह किलोमीटर दूर झाला पुल के पास नेपाली मूल के मजदूरों का एक कच्चा मकान था, जहां रात दो बजे के करीब धर्मगंगा के उफान पर आने से पप्पू बहादुर की पत्नी जया (32) और बेटी मोनिका (7) बह गईं। थानाध्यक्ष संजीव थपलियाल ने बताया कि नदी उत्तराखंड के कई क्षेत्रों में भारी बारिश के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है और भूस्खलन की घटनाएं बढ़ गई हैं। शनिवार को टिहरी के तिनगढ़ गांव में भूस्खलन हुआ, जिसमें 15 मकान मलबे में दब गए। प्रशासन ने सुबह ही इन मकानों को खाली करा लिया था, इसलिए कोई हताहत नहीं हुआ। ग्रामीणों को विनकखाल इंटर कॉलेज में स्थानांतरित किया गया है। डीएम मयूर दीक्षित ने बताया कि आपदा के कारण भिलंगना ब्लॉक के आंगनबाड़ी केंद्रों और कक्षा एक से 12वीं तक के सभी स्कूल सोमवार से बुधवार तक बंद रहेंगे।
बूढ़ाकेदार क्षेत्र में धर्मगंगा नदी के उफान पर आने से मां-बेटी नदी के तेज बहाव में बह गए। बूढ़ाकेदार से छह किलोमीटर दूर झाला पुल के पास नेपाली मूल के मजदूरों का एक कच्चा मकान था, जहां रात दो बजे के करीब धर्मगंगा के उफान पर आने से पप्पू बहादुर की पत्नी जया (32) और बेटी मोनिका (7) बह गईं। थानाध्यक्ष संजीव थपलियाल ने बताया कि नदी उत्तराखंड के कई क्षेत्रों में भारी बारिश के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है और भूस्खलन की घटनाएं बढ़ गई हैं। शनिवार को टिहरी के तिनगढ़ गांव में भूस्खलन हुआ, जिसमें 15 मकान मलबे में दब गए। प्रशासन ने सुबह ही इन मकानों को खाली करा लिया था, इसलिए कोई हताहत नहीं हुआ। ग्रामीणों को विनकखाल इंटर कॉलेज में स्थानांतरित किया गया है। डीएम मयूर दीक्षित ने बताया कि आपदा के कारण भिलंगना ब्लॉक के आंगनबाड़ी केंद्रों और कक्षा एक से 12वीं तक के सभी स्कूल सोमवार से बुधवार तक बंद रहेंगे।थानाध्यक्ष संजीव थपलियाल ने बताया कि नदी किनारे उनकी तलाशी की गई, लेकिन कोई पता नहीं चला। पप्पू बहादुर और रमेश बहादुर ने भागकर जान बचाई।
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